मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की मोनोरेल और मेट्रो परियोजनाएं जल्द ही अदानी इलेक्ट्रिसिटी द्वारा संचालित की जाएंगी। वर्तमान में टाटा पावर मोनोरेल, मेट्रो के लिए बिजली की आपूर्ति कर रही है। लेकिन टाटा पावर ने बिजली दर में बढ़ोतरी कर दी है। इसलिए, एमएमआरडीए ने बिजली आपूर्तिकर्ता को बदलने का फैसला किया है।
टाटा पावर वर्तमान में चेंबूर से जैकब सर्कल मोनोरेल लाइन और मेट्रो 2ए (दहिसर से अंधेरी पश्चिम) के साथ-साथ मेट्रो 7 (दहिसर से गुंडवली) के लिए बिजली आपूर्तिकर्ता है। टाटा पावर वर्तमान में 2023-24 के लिए मोनोरेल और मेट्रो के लिए 4.92 रुपये प्रति यूनिट शुल्क लेती है। हालांकि, टाटा द्वारा सोमवार से बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी के कारण 2024-25 के लिए मोनोरेल और मेट्रो पर 7.37 रुपये प्रति यूनिट शुल्क लिया जाएगा।
इसलिए एमएमआरडीए ने टाटा पावर के बजाय अडानी से बिजली खरीदने का फैसला किया है। समझा जाता है कि इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है। अडानी से बिजली लेने पर एमएमआरडीए को 6.15 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा। कुल मिलाकर, एमएमआरडीए ने बिजली आपूर्तिकर्ताओं को बदलने का फैसला किया है क्योंकि अडानी की बिजली कुछ सस्ती उपलब्ध होगी।
मेट्रो 2ए और लाइन 8 को प्रतिदिन 12 से 15 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है। जबकि मोनोरेल के लिए प्रतिदिन 2 से 3 मेगावाट बिजली का उपयोग होता है। इस बीच, मोनोरेल परियोजना घाटे में चल रही है और एमएमआरडीए को मेट्रो से अपेक्षित राजस्व भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में बिजली दर का बोझ बढ़ने पर घाटा और बढ़ने की आशंका है। इसलिए बिजली टाटा की बजाय अडानी से ली जाएगी।
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